Sunday 10 January 2016

जहाँ मिले चांस वहीं कर लो डांस  ( व्यंग्य )

नॉर्थ कोरिया में हाइड्रोजन बम की खबर सुनी। हाइड्रो बम तो दिवाली पर हम भी चला लेते है लेकिन ये कोई बात हुई कि अचानक भूकंप हाइड्रोजन बम चला दिया। खुद को अमेरिका रूस समझ रक्खा है क्या! जो मर्जी आए कर लो। कुछ शांतिप्रिय जगतसेवको का तो ख्याल किया होता, इतनी जोर से तो दिल की घंटी तब भी नहीं बजी थी जब थर्ड क्लास में जौली से अचानक लव एट फस्ट साइट हुआ था।  न कोई योजना न परियोजना बस कर दिया बम धमाका, हिला दिया शान्ति संघ तक को। आजकल 'जहाँ मिले चांस वहीं कर लो डांस' का जमाना है, जो डांस की योजना बनाता है उसका पप्पु बन जाता है। योजना तो पिताजी बनाते है क्योंकि उनके ज़माने में वही होता था, यंगिस्तान ऐसे चौचलों में विश्वास नहीं करता उसे जो करना होता है, मौके पर कर देता है।  
आजकल योजनाओं का जब तक प्रिंट आउट निकालता है तब तक तो अचानक की पूरी फ़ाइल ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाती है। सब कुछ इतना अचानक हुआ कि प्लान अपनी रजाई ही नहीं उतार पाई। अचानक की भी गजब की महिमा है। इसकी भूमिका अब तबियत ख़राब होने के कारण ऑफिस से छुट्टी लेने भर की नहीं रही है। आज ये  बहुआयामी प्रतिभा से संपन्न हो गया है। जिधर देखो सब कुछ अचानक ही हो रहा है। जिधर देखो फॉग चल रहा है, इस फॉग में नीति, कूटनीति, राजनीति, योजना, परियोजना को कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।
अफगानिस्तान यात्रा के दौरान पाकिस्तान से न्यौता आ जाता है और अचानक पाकिस्तान की यात्रा करनी पड़ती है। अचानक पठानकोट में आतंकवादी हमला हो जाता है। अचानक किसी के परिवार में असहिष्णुता भिनभिनाने लगती है, पारिवारिक सुरक्षा सवालों के घेरे में आ जाती है। अचानक लाइव वार्ता में भावनाएं उफान लेने लगती हैं और पुरस्कार वापसी की घोषणा हो जाती है। अचानक दाल के भाव बढ़ जाते है और सोशल मीडिया में भूचाल आ जाता है। अचानक दिल्ली में प्रदुषण बढ़ जाता है, वो भी उस ट्रांसपोर्ट के कारण, जो सत्ताइस प्रतिशत का ही जिम्मेदार है। अचानक किसी से डर ‘नहीं’ लगता तो सासु माँ की याद आ जाती है।
आजकल अचानक इतने प्रोग्राम्ड दिखाई पड़ते है कि प्रोग्रामर्स की भी ट्रांस्लेशन ख़राब हो गई है।  योजनाओं को भी अब नए प्रोग्रामर्स और नई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जरुरत है। अचानक अब हाईटैक हो गया है। इसके सामने योजनाओं की स्थिति आज नूडल्स के सामने दलिए जैसी हो गई है। अचानक एक नई राष्ट्रीय समस्या बन कर उभर रहा है। इससे निपटने के लिए अब गहराई से एक गहन चिंतन की सख्त जरुरत है। गहन चिंतन हेतु एक ट्रिपल स्टोरी बेसमैंट की खुदाई जल्द शुरू होनी चाहिए। अब बस यही से उम्मीद है कि कुछ अचानक ही होगा जिसे देखते ही सारी समस्या भाग खड़ी होंगी।

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