Tuesday 12 January 2016

तलाश ज़मीन की नज़र में आसमान

आदमी क्या-क्या नहीं करता, ज़मीन तलाशने के लिए। एक बार बस ज़मीन तैयार हो जाए, फिर उसे आसमान से तारे तोड़ने से कोई नहीं रोक सकता। आदमी फितरती ऐसा ही होता हैतलाश ज़मीन की नज़रमें आसमान। जिन्दगी भर लडाई ज़मीन की लडता रहता है और चाहता है आसमान के तारे तोड़ना। कभी कभी तो ज़मीन को खुद को समझ नहीं आता कि आखिर ज़मीन है किसकी, ज़मीन भी यही गुनगुनाती होगी, मैं ज़मीन हूँ किसी ओर की मुझे माँगता कोई ओर है। कुछ कूढ मगज  दो-चारसौ मीटर के प्लाट खरीदकर या दो चार खेत खरीदकर खुद को जमींदार समझने लगते है। असल में खेती के लिए खेत और मकान के लिए प्लाट, बस दिल बहलाने के लिए एक अच्छा ख्यालभर है। “कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता” निदा फाजली के इस गीत में खेती और मकान वाली ज़मीन की बात की गई है। खेती और मकान वाली ज़मीन वाले के लिए आसमान की चाह रखना अपराध है। खेती और मकान की ज़मीन वाला आसमान की तरफ मन्नत मांगने के लिए  हाथ फैला तो सकता है। आसमान से सितारे तोडने के लिए उसे खेती और मकान वाली ज़मीन छोड कहीं ओर ही अपनी ज़मीन तलाश करनी पडेगी। असली जमींदार प्लाट और खेत की ज़मीन में मगजमारी नहीं करते, वो अपनी ज़मीन कहीं ओर तलाश करते है।
सुन-सुन के परेशान हो गये थे कि भ्रष्टाचार ने यहाँ जडे़ जमा ली हैं, वहाँ जडे़ जमा ली हैं। भ्रष्टाचार की ज़मीन की तलाश पूरी हो गयी होगी। भ्रष्टाचार को ज़मीन मिल गयी तो अपनी जडे़ तो जमाएगा हीभ्रष्टाचार की जगह कोई ओर होता तो वो भी यही करता। एकाएक लगा कि भ्रष्टाचार की ज़मी-जमाई जडों में युवा देश का एक बुजुर्ग मट्ठा डालेगा। भ्रष्टाचार की जडे़ ज़मीन से कितनी हिली, ये अलग बात है लेकिन किसी की अपनी राजनैतिक ज़मीन की तलाश जरुर पूरी हो गई। इसको भी गलत तो नहीं कहा जा सकता, इसे परिस्थितियों का तकाजा कहा जाए। जिस भ्रष्टाचार निवारक यंत्र के कसीदे रामलीला मैदान में कसे जा रहे थे, उसे कौन लील गया,आज गैरजरुरी सा हो चला है। भ्रष्टाचार निवारक यंत्र पर आज ज़मीन का ग्रहण लग गया है, रोता बिलखता भ्रष्टाचार निवारक यंत्र आज खुद अपनी ज़मीन तलाशता फिर रहा है। खेत और प्लाट की ज़मीन का मुद्दा आज अपनी ज़मीन तलाश रहा है या इस ज़मीन पर फिर कोई ओर अपना आसमान तलाश कर रहा है। इसका जवाब तो भविष्य ही देगा लेकिन रामलीला की ज़मीन की नज़र में एक बार फिर नीला आसमान है, इसे भी नकारा नहीं जा सकता।

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