Tuesday 12 January 2016

लातो का वल्डकप नही बातो का बल्डकप होना चाहिए

फीफा की फुटबाल मे जीवन्तता की कमी है, फीफा मे फुटबालर लातो से फुटबाल खेलता है लेकिन हमारे देश मे बतबोलर बातो से फुटबाल खेलता है। बातो के बतबोलर की फुटबाल मे कही अधिक जीवन्तता हैइसमे अच्छे अच्छो का लतिया के नही बतिया के डब्बा गोल कर दिया जाता है। लातो वाली फुटबाल तो बस शौकिया होती हैबतबोलर की बातो वाली फुटबाल ही असली फुटबाल है। बात से काम चल जाय तो फिर लात क्यो चलाना? बतबोलर को बात छोकने मे इतनी निपुणता हासिल है कि लात चलाने की जरुरत ही नही पडती, बातो से ही किसी को भी फुटबाल बना देते है। जिनकोबातो से खेलना नही आता, वही लातो से फुटबाल खेलते है।

टिकट के लिए दावेदारो की  दौड मे दावेदार को इस से उस के पास दौडाया जाता है, फलाना गुट मे पैठ बनाये तो ढिमका गुट हाथ ने निकल जाता दिखायी जाता हैदावेदार इससे उससे फलाना से ढिमका से मिलते मिलते तिनका-तिनका हो जाता है।  दावेदार को बात बनती तो दिखती है लेकिनबनती नही, बनती है तो बस फुटबाल। कितना भी मन खिन्न हो लेकिन गोलपोस्ट तक पहुँचना है तो बात के बिना बात भी नही बनेगी। दावेदार बतबोल की बात खा खाकर जैसे-तैसे डी मे तो प्रवेश कर जाता है लेकिन यहाँ बतबोलो की धारदार बातो के सामने हिम्मत जबाब दे देती है और किस्मत से यही उम्मीद रहती है कि कही से कोई बात आये जो उसे गोलपोस्ट के अन्दर कर दे। अपनी और पार्टी की जीत हो जाय तो टिकट की दौड के बाद गोल्डन सूट की होड मे एक बार फिर फूं फांफुटबाल के लिए कमर कसनी पडती है।

एक बार फाइल बाबु तक पहुँच जाय, बस फिर फाइल जमा करने वाला फाइलर रात को सपने मे भी बाबुजी बाबुजी ही भजता है। जैसे ही फाइलर दफ्तर जाता है, फाइलर की नमस्कार का जबाब बाबु एक कुटिल स्माइल के साथ देता है और जबाब मे फाइलर फिनाइल का घूँट सा पीकर रह जाता है। फाइलर को बाबु का दफ्तर और अपना घर फुटबाल मैदान के दो गोल पोस्ट से नजर आते है । ऐसा नही है कि फाइल दौडती नही है लेकिन लाल बाबु इधर से और हरि बाबु उधर से बातो की लतेड देतेहै। फाइल और फाइलर की स्थिति लाल हरि बाबु के बीच और घर दफ्तर के बीच फुटबाल सी हो जाती है

बात और लात मे जिसमे जो माहिर वह वही फुटबाल खेलता है, बस मे फीफा वाली फुटबाल मे अंग्रेजी का गोल होता है और फूं फां बातो वाली बतबोलर की फुटबाल मे जिसकी फुटबाल बनती है वह खुद हिन्दी मे गोल हो जाता है। बतबोलर की फूं फां फुटबाल का भी एक बल्ड कप होना चाहिए,वही होगा हमारा अपना बल्ड कप, हम तो उसी मे खेलेंगे, ये फीफा का वल्ड कप हमारे काम का नही है। ।

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