Sunday 10 January 2016

बुनकर जी की फॉर-डी पार्टी (व्यंग्य) 
बंडल सोसाइटी केवल नाम की बंडल नहीं थी, बल्कि वहां के निवासियों की एकता भी नाम को चरितार्थ करती थी। बंडल सोसायटी के ही निवासी थे बुनकर जी, उनका नाम नहीं था, लेकिन ताना-बाना बुनने में इतने माहिर थे कि आज उन्हें बुनकर जी के नाम से ही जाना जाता है। बंडल सोसाइटी के व्हाट्स ऐप ग्रुप में नए साल की पार्टी करने की मांग उठने लगी। सभी ने बुनकर जी को जिम्मेदारी दी कि नए साल की पार्टी का ताना-बाना बुनें। बुनकर जी ने पार्टी को मूर्तरुप देने हेतु हसमुख जी से मदद मांगी, हसमुख जी हंसी-ख़ुशी तैयार हो गए। हसमुख जी रो-धोकर जैसे-तैसे लोगों से पैसा निकालने में सिद्धहस्त माने जाते थे। कहीं खुशी हो या गम, बुनकर जी और हसमुख जी की जोड़ी अपनी जिम्मेदारी बखुबी निभाती थी।
बुनकर जी ने सोसायटी में नए साल की पार्टी पांच मौज़ू कारणों की सूची बनाई और हसमुख जी के साथ कंठस्थ कर रायसुमारी हेतु शर्मा जी के पास पहुंचे। हसमुख जी ने बताया कि पाकिस्तान में डी पार्टी होती है हम फॉर-डी पार्टी करेंगे।  हमारे फॉर-डी होंगे, डिनर, डीजे, डांस,.. । इतना सुनते ही शर्मा जी तो गर्मा गए, गर्मी देख चौथा डी हसमुख जी की दाढ में ही फंसा रह गया। शर्मा जी के संस्कृति पर कुठाराघात और अंग्रेजियत की गुलामी के मिलेजुले दर्शनज्ञान ने हसमुख जी के फॉर-डी गीत का मुखड़ा बिगाड़ दिया। जैसे ही बुनकर जी ने स्थिति संभालने की कोशिश की, शर्मा जी का तो जैसे शाॅर्ट सर्किट हो गया। हसमुख जी बच गए लेकिन शर्मा जी ने बुनकर जी को जो उधेड डाला। बुनकर जी नए साल का ताना-बाना बुनने में खुद ही उलझ गए।
बंडल सोसाइटी के गुप्ता जी, श्रीवास्तव जी से लेकर मैनेजर साहब, वकील साहब तक, हर किसी को इस जोड़ी ने अपना फॅार डी गीत सुनाया, लेकिन किसी को भी नहीं भाया। बुनकर जी परेशान थे, वर्षो से जिस छवि को उजली करने में उनकी ऐडी़ घिस चुकी थी, वो छवि काली पड़ती जा रही थी। बुनकर जी को समझ नहीं आ रहा था कि शहर के नामचीन व्हाट्स ऐप ग्रुप्स और फेसबुक पर नए साल की कौन सी फोटो डालकर वो अपना सिक्का पुजवाएंगे। अखबार में होटल रैस्ट्रा के न्यू ईयर पार्टी के विज्ञापन बुनकर जी की सहिष्णुता के परखच्चे उड़ाने पर तुले थे। काफी देर तक सिर पर बचे-कुचे चार बाल खुजलाने पर बुनकर जी को एक फार्मुला समझ आया। इकत्तीस दिसम्बर की रात को बुनकर जी ने अपना पिछली साल की पार्टी वाला फोटो चिपकाया, चारसो लाइक और डेढसो कमैन्ट पाकर मन बहलाया। बुनकर जी ने इसी पोस्ट पर बंडल सोसाइटी के बाशिंदों से भी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद पाया।

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