ये कैसी सिफारिश आई है
वाइफी जी ने जैसे ही बोला कि मुझे कुछ बात करनी है। हब्बी के पिछले एक महीने के कार्यकलाप एक पल में आखों के सामने से ‘फास्टफोर्वर्ड’ हो गए। हमारा फ्रिज अब पुराना हो गया है और वो छोटा भी बहुत है। बच्चों के लिए अब एक अंग्रेजी अखबार भी शुरु करना है। वाशिंग मशीन का ड्रायर जमाने से काम नहीं कर रहा है, अबकी बार मुझे फुल्ली आॅटोमैटिक मशीन खरीदनी है। एडमिशन फार्म भी निकल गए है, इस बार बच्चों का किसी बडे़ (महंगे) स्कूल में दाखिला कराना है। ये पुराने जमाने की किचिन में खाना बनाने का मन नहीं करता अब, इस बार मुझे माॅडुलर किचिन बनवानी है। ओर हां, वो आपकी खटारा गाडी़! उसे तो अब बदल ही लो। आप आफिस से आते हो तो बच्चें खिलौनें वाले का बाजा बजता हुआ समझ बाहर निकल आते हैं।
हब्बी के कानों में तो जैसे आई.सी.आई.सी. का आतंकी संगठन कदमताल करने लगा हो। हे वाइफी जी! कोई लॉटरी का टिकट निकल आया है, आपने सड़क पर किसी का नोटों से भरा बैग पाया है या दहेज़ में मिले फिक्स डिपॉजिट के भुगतान का समय आया है। आपने आमदनी का कोई रास्ता नहीं सुझाया, खर्चो का अम्बार लगाया है। हे मेरे स्वीटू बुद्धू से हब्बी जी, ज़रा अखबार तो पढ़ो। अखबार वेतन में सांतवी बढ़ोतरी की ख़बर लाया है। ये कैसी सिफारिश आई है, एक खुशनुमा झोंके सी बढ़ी आमदनी और साथ में खर्चो का तूफ़ान लाई है। हे आयोग क्या तेरे मन में समाया। जिसे अकाउंट में आना था, उसे अखबार में क्यूं आया।
हब्बी के कानों में तो जैसे आई.सी.आई.सी. का आतंकी संगठन कदमताल करने लगा हो। हे वाइफी जी! कोई लॉटरी का टिकट निकल आया है, आपने सड़क पर किसी का नोटों से भरा बैग पाया है या दहेज़ में मिले फिक्स डिपॉजिट के भुगतान का समय आया है। आपने आमदनी का कोई रास्ता नहीं सुझाया, खर्चो का अम्बार लगाया है। हे मेरे स्वीटू बुद्धू से हब्बी जी, ज़रा अखबार तो पढ़ो। अखबार वेतन में सांतवी बढ़ोतरी की ख़बर लाया है। ये कैसी सिफारिश आई है, एक खुशनुमा झोंके सी बढ़ी आमदनी और साथ में खर्चो का तूफ़ान लाई है। हे आयोग क्या तेरे मन में समाया। जिसे अकाउंट में आना था, उसे अखबार में क्यूं आया।
No comments:
Post a Comment