Tuesday 12 January 2016

उंगली फिरा कर तो देखिए      

एक जमाना था जब घर कच्चे हुआ करते थे, तब लिपाई हुआ करती थी, आज सफाई होती हैहालांकि बदलते समय में भी स्वच्छता अपनी जगह पर वहीं काबिज है। फोन स्मार्ट हो चला है, सो अब उंगली घुमाई नहीं जाती, फिराई जाती है। उंगली फिरा कर तो देखिएइंटरनैट सुसज्जित उंगली फिराने वाला स्मार्ट फोन या कहें उंगली फोन”, ऐसा महसूस कराता है कि जैसे दुनिया उंगली पर नाच रही हो। इंटरनैट का गोल-गोल घूमता पहिया धरती घूमने का लगातार अहसास कराता है। दुनिया को घुमाने निकले थे और इंटरनैट के गोल चक्कर ने दिमाग को घुमा-घुमाकर घमचक्कर बना दिया है। "इश्क नचाए किसको यार वो फिर नाचे बीच बजार", पंकज उद्धास की गायी इस गज़ल में आज इश्क की जगह उंगली फोन ने ले ली है।
"क्या बात है, स्मार्ट लग रहे हो दोस्त" कोई जब इन शब्दो से किसी का स्वागत करता है तो ये शब्द जादुई असर करते है। किसी की शक्ल चाहे जितनी भी खूसट क्यों ना हो, स्मार्ट शब्द की जादुई सत्यता को नकार नहीं सकता। स्मार्ट एक जादुई शब्द है। स्मार्ट सिटी हो या स्मार्ट फोन दोनो का जादु चलना लाज़मी है। साँसो से ज्यादा आज स्मार्ट फोन की जरुरत है, वो भी ऐसा जिसमे इंटरनैट पैक की भी जरुरत ना हो। सीधे वाई-फाई की सप्लाई प्राप्त स्मार्ट फोन मिल जाए तो फिर हर कोई यही कहेगा ना,कि "आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आए तो बात बन जाए"। खरीद कर पानी पीने से तो दोस्तो के साथ पिकनिक मना रही बिटिया भी पापा को सच्चाई बता ही देती है। बिटिया के हाथ में खरीदी हुई पानी की बोतल थी इसीलिए सच बोली। यदि नल या नदी से फ्री का पानी पिया होता तो पापा को पता ही नहीं लगता कि बिटिया दोस्त के घर पढने नहीं बल्कि दोस्तो के साथ पिकनिक मनाने गयी है। यदि सच्चाई चाहिए तो बोतल का पानी पीजिए और पिलाएये। वरना वाई फाई वाला उंगली फोन तो है ही, गुनगुनाइये वादा किया है तो निभाना पडेगा
आज कोई कितना भी सूटिड-बूटिड हो ले लेकिन यदि हाथ में वाई-फाई सुसज्जित स्मार्ट फोन हो तो सारे सूट धरे रह जाते है। स्मार्ट फोन ने आज सबको स्मार्ट बना दिया है, अब हर किसी के दिमाग में सौलह जी.बी. का अतिरिक्त मैमोरी कार्ड फिट हो गया है। इससे स्मार्ट फोन को सारे वादे याद रहेंगे। वादे नहीं निभाए तो क्या हुआ, स्मार्ट फोन खुद ही डाउनलोड करके गाना सुना देगा कि "कसमें वादे प्यार वफा सब, बातें है बातों का क्या?”

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